Khuda Haafiz

Lesson Plan by Rajni Bhargava and Tahira Naqvi

Khuda Haafiz” by Gulzaar in a series called “Kirdaar”

Proficiency Level: Intermediate Mid/High

Time: 2X75 minutes

Objectives:  Students will be able to:

  • describe the key events in the movie
  • explain the main conflict in the movie (the Partition of 1947)
  • narrate a memory or an event with several details.

Language Targets: Students will be able to use:

  • perfect tense (review)
  • construction with lagnaa
  • compound verbs (बता दूँगा, भीग गई)

Performance Task:

  • Interpretive: Students view the movie in parts to comprehend and describe describe various scenes. They use a work sheet with the script and missing words they need to fill in. Students categorize the vocabulary words and use these to make complex sentences. In pairs students are given the story in random strips to put them put in order.
  • Interpersonal: Students formulate questions in pairs on the provided worksheet and then change partners to ask and answer each others questions about the film. 
  • Presentational: Students based on their proficiency level (a) meet at a function and recreate the dialogues to have a conversation between two long lost friends after the Partition; (b) recreate the ending and enact it or (c) act as reporters describing an event during the Partition which has taken place in their city or a village with several details.

Learning Scenarios:

Episode 1: Warm up: Students watch the beginning scene of the movie. They describe the scene and predict what happens next in the movie. Similarly, students watch the movie in parts to predict what follows. They use the glossary when needed.

  • गोली लगना/ मार देना – to shoot
  • बम फेंकना – to throw a bomb
  •  आग लगना – to get on fire
  •  करफ़्यू लगना – to set curfew
  • खून करना – to kill
  • छुपना – to hide
  • शक्ल m. – face
  • जैसा लगना – to seem like
  • बेवकूफ़ लगना – to seem stupid
  • मात खाना – to lose
  • नुक्कड़ पर – 
  • दीवार पर खून लगना – to leave blood on the wall
  • औज़ार m. – instrument
  • मज़दूर m. – worker
  • गुण्डा m. – criminal
  • मार देना – to hit
  • बचाना – to save 
  • जान पर आ पड़ना – to be trapped in crisis
  • हथियार m. – weapon
  • खौफ़ m. /डर m. – terror/fear
  • दंगे शुरू होना – riots errupt
  • मालिक m. – owner
  • कारीगर m. – worker
  • कोहराम मच जाना – to cause an uproar
  • छुरा घोंप देना – to thrust the knife
  • बौखलाना – to behave like a mad person
  • मार काट करना/लगना -to deliver a blow
  • फ़िक्र में घुलना – to sink in worry
  • बेमौत मारे जाना – to have no hope to survive
  • बच कर निकलना – save oneself
  • जीता जागता इंसान – lively person
  • लाश f. – corpse

Interpretive task: Students go over the script and go over the vocabulary words and put them in different categories. Students make 5 complex sentences using conjunctions in the context of the film. The sentences need to include the following:

  • six new words which they have learnt.
  • conjunctions such as lekin, par, aur, jaise ki, jo, kintu, parantu, kyonki, ki
  • use the perfect tense

Episode 2: Students are given the script with missing words. They listen to the movie again and fill in the missing words. Next, they fill out the worksheet with questions and answers.

Episode 3: The teacher has the students circle compound verbs in the highlighted section and goes over their formation and meaning.

  • आवाज़ आती है…
  •  करीम: कौन हो…….? कौन हो……..? अरे बोलते क्यों नहीं
  •  गु: तुम कौन हो? कहाँ हो ……….
  • क: कौन हो तुम?
  • हिन्दू …….मुस्लमान ? हैं?
  • ग: तुम कौन……?
  • क:पहले तुम बताओ कि तुम कौन हो? जानते नहीं करफ़्यू ……है? देखते ही गोली मार देने का हुक्म है। कहाँ जा रहे थे ? आग ……..या बम……? हैं?
  • ग: तुम यहाँ क्यों छुपे बैठे हो? किसी का खून किया है या करने के लिये छुपे हो?
  • क: बताया नहीं तुमने, कौन हो तुम? हिन्दु कि मुस्लमान?
  • ग: तुम्हे …………है?
  • क: शक्ल से तो तुम हिन्दु ……..।
  • ग:वो कैसे?
  • क: ऐसे ही..
  • ग:तुम मुस्लमान हो क्या?
  • क: तुम्हे क्या ………….है?
  • ग:शक्ल से तो….
  • क: क्या? शक्ल से क्या लगता हूँ मैं?
  • ग:शक्ल से तो तुम कुछ भी नहीं ………………….हो। नाम क्या है तुम्हारा?
  • क: शक्ल से बेवकूफ़ ………….हूँ क्या? नाम बता दूँगा तो पता नहीं चल जाएगा क्या। तुम्हारा नाम क्या है?
  • ग: गुलाब
  • क: गुलाब मोहम्मद के गुलाब चंद? भाग रहे हो? हैं?
  • ग: हाँ
  • क: ठीक है, ……….., कोई बात नहीं। इस वक्त तो हम दोनों मात खाए हुए हैं। लेकिन ये करफ़्यू दो दिन और नहीं हटा तो और क्या होगा?
  • ग: तुम यहाँ कब से पड़े हुए हो?
  • क: पिछले सात आठ घंटे से।वहाँ मेरे सामने एक आदमी को …………लगी।
  • ग: कहाँ?
  • क: वो नुक्कड़ पर। यह देखो खम्बे पर खून लगा है। यहाँ आ कर गिरा वो। कुत्ते की तरह घसीट कर ले गए वो बन्दोबस्त वाले।
  • ग:लेकिन क्या किया था उसने?
  • क: कुछ नहीं। करफ़्यू में भाग रहा था। हाथ में था कुछ लोहे का …………….जैसा।
  • ग: अरे मज़दूर होगा
  • क: अरे पता नहीं …………….था कि गुण्डा लेकिन
  • ग: मज़दूर गुण्डे में फ़र्क ही नहीं पता चलता, वो ही मिल के मज़दूर थे अपने, वो ही गुण्डे निकले, कुछ मार रहे थे, कुछ बचा रहे थे,
  • क: छुप जाओ
  • क: बीड़ी पीता है?
  • ग: हाँ।
  • क:पिएगा?
  • ग: ला
  • क: …………………भी भीग गई…
  • ग: लेकिन ………………निकलेगा तो?
  • क: धुआँ मत निकालियो, धीरे- धीरे छोड़ना
  • ग: मुझे दे, मुझे दे, मैं ट्राई करता हूँ
  • क: सुभानल्ला
  • ग:मुस्लमान है तू?
  • क: अन्दर आ जा।
  • ग: गए?
  • क: हाँ।
  • क: ऐ, हिन्दू है तू
  • ग: हाँ
  • क: डर गया था?
  • ग: हाँ
  • क: पागल है तू? इस वक्त ………………..है, तुझे मार कर मुझे क्या मिल जाएगा और मुझे मार कर तुझे क्या ……………..। लोग इसी खौफ़ में मार देते हैं एक दूसरे को।
  • ग: इस पोटली में क्या है?
  • क:इस में कोई हथियार या औज़ार नहीं है। कपड़े और खिलौने हैं बच्चों के। यही लेने आया था शहर और फंस गया। एक दोस्त है अपना। उसी के घर पर ठहरा था। आज शाम को पता चला कि शहर की हवा ठीक है। रेडियो बोल रहा था। निकला तो दंगे शुरू हो गये।
  • ग: मैं भी रहमान के घर में था। दोस्त है लेकिन वो भी क्या करता। लोग पहुँच गए उसके घर। उसके घर में आग ……………….। उसके दोनों हाथ जल गए मुझे बचाने में। जलता हुआ दरवाज़ा पकड़ कर खड़ा रहा जब तक कि मैं पीछे से बाहर नहीं निकल गया। वो उतना अच्छा कारीगर, अगर मशीन पर खड़ा होगा तो क्या होगा उसका। मालिक उसको रखेगा थोड़े ही वो तो निकाल देगा। मालिक भी तो…..
  • क: मैं भी आम तौर पर घाटी पर नाव से सामान उतार कर थोड़ा बहुत बाज़ार कर के लौट जाता हूँ लेकिन इस बार इधर आ गया। बड़ी बस्ती के बाज़ार में बच्चों के लिये ……………थे। कल ईद है न। मेरा बहनोई यहीं काम करता है फ़ैक्टरी में। बहन को एडवांस में ही दे दिये और बहनोई को साथ ले लिया और बाज़ार चले गए। सामान खरीद रहे थे कि अचानक लोग भागने दौड़ने लगे। मार दिया, मार दिया का ………….। एक तरफ़ हर-हर महादेव और दूसरी तरफ़ अल्ल्हा-ओ अकबर की आवाज़ ………………। मैं समझ गया कि वो ही साली हिन्दू मुस्लमान की मार काट लगी है। जाएँगे, दस-बीस तो जाएँगे। मैं बौखला कर एक तरफ़ गिर पड़ा। बहनोई कहाँ है, पता नहीं । फिर उसे …………। फिर वो दुकान के तख्ते तले ………..। पलटा तो सब खून ही खून । किसी ने छुरा घोंप दिया था पेट में। अब बताओ! किसी ने देखा होगा, किसी ने पूछा होगा, तुम हिन्दू हो, मुस्लमान हो। बस किसी ने भी छुरा घोंप दिया। उसे घसीट कर बाहर निकाला, कंधे पर लिया और पास की गली में …………….। वो तो भला हो पारो का, वो भी भाग रही थी। अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने घर के अंदर खींच लिया। उसने पहचान लिया था मुझे। हमारे गाँव की थी। उसका मियां केश्टो मेरा दोस्त था।
  • ग: तेरे बहनोई का क्या हुआ?
  • क: ठीक है। बच गया। मैंने पारो को बोल दिया कि मेरी बहन को खबर पहुँचा दे।
  • ग: गोली चली कहीं? फिर चली..
  • क: लगता है फिर से लग गई मार-काट..
  • ग: अरे! रुकी कब थी। रेडियो तो एवें ही बोलता रहता है। स्थिति सब नियंत्रण में है, कंट्रोल में है।
  • क: मेरा ख्याल है, हमें यहाँ से निकल जाना चाहिये नहीं तो यहीं कहीं मारे जाएँगे इसी डिब्बे में।
  • क: चल, चल..
  • ग: अरे रुक जा…
  • क: देख यार , मुझे किसी तरह बूढ़ी गंगा तक पहुँचना है। मैं मांझी हूँ। मेरी कश्ती खड़ी है बादाम तल्ला घाट पर, इसीलिये मैं केश्टो के घर से निकल आया। भाभी ने तो बहुत रोकने की कोशिश की थी। केश्टो की बीवी ने, लेकिन कल ईद है। घर पर बीवी बच्चे फ़िक्र में घुल रहे होंगे। खबर तो उसने भी सुनी होगी। कोई भरोसा नहीं वो बच्ची कश्ती ले कर शहर पहुँच जाए। मांझी की बेटी है आखिर। बहुत तूफ़ान झेलें हैं उसने।
  • ग: तुझे जाना कौन से गाँव है?
  • क: सूबड़ा। बूढ़ी गंगा के पार। तू कहाँ का है?
  • ग:मैं जाश्ड़ा का हूँ। लेकिन यहाँ से निकलेगें तो जाएँगे कहाँ
  • क: यहाँ से तो निकलो।यहाँ तो जिसने भी देखा, शक करेगा। और हवलदार ने देख लिया तो ………………।
  • ग: चल…देख कर…
  • क: चल……ये कुत्ता है
  • ग: क्या कर रहा है?
  • क: बहुत प्यास लगी है
  • ग:  अरे!  पता नहीं कहाँ से आ रहा है? साफ़ है?
  • क: ठंडा तो है
  • ग: रहने दे, रहने दे…..
  •  
  • ग: चल, चल, निकल, निकल….चल, चल ….आजा,
  • क: बस, आगे ये चौक है और बगल में वो गली, क्या हुआ
  • ग: इधर आ,
  • क्या है
  •  देख, ये लाश
  • क:  क्या हुआ,….या अल्लाह
  • ग: देख, लाश
  • क: किस की है?
  • ग:किसी हिन्दू की है
  • क: तुझे कैसे मालूम,
  • ग: नहीं लग रहा है
  • क:  लग तो मैं भी तुझे हिन्दू ही रहा था, चल, चल….
  • ग: लेकिन… इस को क्या करें
  • क: लाश को छोड़, ज़िन्दों की सोच, चल, चल  जल्दी
  • ग: कैसे यार, …………………..। कबाड़ी के सामान की तरह फेंक दिया। खाली कर दिया।
  • क: ऐसे ही होता है भाई, खाली हो जाते हैं या तो चूल्हे में डाल देते हैं या गड्ढे में फेंक कर मिट्टी डाल देते हैं, चल, चल, तू चल …… आहिस्ता। रुक…
  • क: क्या है?
  • ग: पुलिस वाले, अब
  • क: सामने जो बायीं तरफ़ गली है न जहाँ रेढ़ी खड़ी है, ये सीधी बादामतल्ला घाट पर पहुँचती है और मुझे वहीं पहुँचना है।
  • ग: और मैं? मैं क्या करूँगा बादामतल्ला घाट में?
  • क: ठीक है तू यहाँ रुक, मैं निकल जाता हूँ।
  • ग:  मत कर, ज़रा सी भी खोपड़ी दिखेगी तो गोली से उड़ा देंगे
  • क: यहाँ से तो वहीं अच्छे थे
  • ग: घबरा मत,  एक दो घंटे की बात है। सुबह हो जाएगी
  • ग: सुबह हो जाएगी तो क्या छॊड़ देंगे
  • क: भाई मैं तो अल्लाह का नाम ले कर अब निकल चलता हूँ। घाटियों से बिल्कुल करीब है। मुझे सुबह होने से पहले घर…………….., क्या?
  • ग: नहीं है, पुलिसवाले
  • क: गुलाबचंद मैं निकल लेता हूँ
  • ग: मेरा नाम गुलाबचंद नहीं है। मेरा नाम अवतार है। मैंने झूठ बोला था
  • क: मेरा करीम।
  • क: अल्लह ने चाहा तो फिर मिलेंगे
  • खुदा हाफ़िज़
  • ग: देख के जाना भाई,
  • ग: तू याद रहेगा यार
  • क: तू भी
  • पुलिस: रुक जाओ, रुको…

Episode 4: Interpersonal: Students are given random strips of the script and in pairs students discuss and put the strips in order and check with the other pair if what they have put together is in right order or not.

  • ग: इस पोटली में क्या है?
  • क:इस में कोई हथियार या औज़ार नहीं है। कपड़े और खिलौने हैं बच्चों के। यही लेने आया था शहर और फंस गया। एक दोस्त है अपना। उसी के घर पर ठहरा था। आज शाम को पता चला कि शहर की हवा ठीक है। रेडियो बोल रहा था। निकला तो दंगे शुरू हो गये।

 

  • ग:शक्ल से तो तुम कुछ भी नहीं लगते हो। नाम क्या है तुम्हारा?
  • क: शक्ल से बेवकूफ़ लगता हूँ क्या?नाम बता दूँगा तो पता नहीं चल जाएगा क्या। तुम्हारा नाम क्या है?

 

  • क: कौन हो तुम? हिन्दू कि मुस्लमान ? हैं?
  • ग: तुम कौन हो?

 

  • उसे घसीट कर बाहर निकाला, कंधे पर लिया और पास की गली में भागने लगा। वो तो भला हो पारो का, वो भी भाग रही थी। अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने घर के अंदर खींच लिया। उसने पहचान लिया था मुझे। हमारे गाँव की थी। उसका मियां केश्टो मेरा दोस्त था।

 

  • घर पर बीवी बच्चे फ़िक्र में घुल रहे होंगे। खबर तो उसने भी सुनी होगी। कोई भरोसा नहीं वो बच्ची कश्ती ले कर शहर पहुँच जाए। मांझी की बेटी है आखिर। बहुत तूफ़ान झेलें हैं उसने।

 

  • क: लाश को छोड़, ज़िन्दों की सोच, चल, चल  जल्दी
  • ग: कैसे यार, इंसान था वो जीता जागता। कबाड़ी के सामान की तरह फेंक दिया। खाली कर दिया।
  • ग: मेरा नाम गुलाबचंद नहीं है। मेरा नाम अवतार है। मैंने झूठ बोला था
  • क: मेरा करीम।

Episode 5: Next, the teacher has the students brainstorm what they know about the Partition of 1947. Then students work on assigned tasks.

For lower level: Students meet at a function and recreate the dialogues to have a conversation between two long lost friends after the Partition. Students use the type of dialogue from the short film and narrate an event.

For higher level: One group of student recreate the ending and enact it. Another group act as reporters describing an event during the Partition which has taken place in their city or village with the following details: 

  • why, where, when, how and what
  • two sentences with lagnaa construction
  • conjunctions
  • use of compound verbs