चिड़ियाँ और तोते

Sound by Bindeshwari Aggarwal

चिड़ियाँ और तोते

एक वन में आम का एक बहुत पुराना पेड़ था । उस पर बहुत-सी चिड़ियाँ घोंसला बनाकर रहती थीं । उस पेड़ के तने में खोडर बनाकर बहुत-से फल लगे । फलों के कारण चिड़ियों और तोतों में लड़ाई हो गई । मोर ने लड़ाई बन्द कराने की कोशिश की । परन्तु उसकी बात किसी ने न मानी ।

तब मोर ने कहा – तुम पक्षियों के राजा गरुड़ से अपना फैसला करा लो ।

तोते और चिड़ियाँ फैसला कराने गरुड़ के दरबार में गए । दोनों की शिकायतें सुनने के बाद गरुड़ ने फैसला सुनाया – “तुम दोनों ही अपनी-अपनी जगह ठीक हो । चिड़ियों को उस पेड़ पर घोंसले बनाने का पूरा अधिकार है । इसी तरह तोतों को भी उस पेड़ के तने में खोडर बनाने का पूरा अधिकार है ।”

यह सुनका चिड़ियाँ और तोते एक साथ बोलने लगे । गरुड़ ने जोर से कहा – “चुप हो जाओ । पहले सारा फ़ैसला सुन लो । तोते एक बाँस की ऊँचाई तक अधिकार रखेंगे । एक बाँस की ऊँचाई तक लगे फल ही वे खा सकेंगे ।”

चिड़ियाँ बोलीं – “और हम …..”

गरुड़ ने कहा – “सुनो, एक बाँस से ऊपर चिड़ियों को अपने घोंसले बनाने का अधिकार होगा । एक बाँस से ऊपर लगे फल खाने का भी चिड़ियों को ही अधिकार होगा । जाओ, अब मिल-जुलकर रहो ।”

फ़ैसला सुनकर चिड़ियाँ और तोते अपने पेड़ पर लौट आए । तोते खोडरों में रहने लगे । चिड़ियाँ भी अपने घोंसलों में रहने लगीं ।

गर्मी की ऋतु आई । पेड़ पर बहुत आम लगे । एक बाँस की ऊँचाई तक बहुत कम आम थे । इस से ऊँचाई पर बहुत आम थे । चिड़ियाँ खूब आम खातीं ओर अपने बच्चों को खिलातीं । इस से तोते बहुत चिढ़ने लगे ।

एक दिन सब तोतों ने मिलकर हमला कर दिया । उनंहोंने पेड पर से चिड़ियों के सब घोंसले गिरा दिए । चिड़ियाँ रोती हुई गरुड़ के दरबार में पहुँचीं । उनकी शिकायत सुनकर गरुड़ ने तोतों को बुला भेजा ।

तोते अपने मुखिया के साथ वहाँ आए । तोतों के मुखिया ने हाथ जोड़कर कहा “महाराज! हमने आपके नियम को नहीं तोड़ा । आप चलकर देख लें । चिड़ियों ने एक बाँस की ऊँचाई के अन्दर घोंसले बना लिए । हम यह बात कैसे सह सकते हैं ?”

गरुड़ ने कहा – “चलो, हम आप चलकर देखते हैं ।”

गरुड़ आम के पेड़ की ओर चल पड़ा । पीछे-पीछे चिड़ियाँ और तोते भी चल पड़े । गरुड़ जब वहाँ पहुँचा तो हैरान रह गया । पेड़ के साथ एक बाँस बंधा हुआ था । वह बाँस उस पेड़ से बहुत ऊँचा था । गरुड़ यह देखकर हँस पड़ा।

यह देखकर चिड़ियों के मुखिया ने हाथ जोड़कर कहा – “चिड़ियाँ तोतों के साथ मिल-जुलकर रहेंगी । तोते हमें इस पेड़ पर घोंसले बनाने दें । वे भी पेड़ पर जहाँ चाहें खोडर बना लें । फल भी हम मिल-बाँटकर खाया करेंगे । अब हम आपस में कभी झगड़ा नहीं करेंगे ।”

गरुड़ ने कहा – “मेल-जोल से हम सब सुखी रहेंगे । आगे से कभी झगड़ा मत करना ।”

Glossary:

  • घोंसला m. — nest
  • तना m. (पेड़ का) — trunk (of a tree)
  • खोडरm. — a hollow in a tree
  • मोर m. — peacock
  • बाँस की ऊँचाई — height/length of a bamboo rod
  • अधिकार m. — right(s), possession
  • चुप — silent
  • गर्मी की ऋतु f. — the summer season
  • खिलाना — to feed
  • चिढ़ना — to be irritated
  • X पर हमला m. + करना — attack 
  • गिराना — to knock down, fell
  • मुखिया m. — chief, headman, leader
  • नियम m. + तोड़ना — law, rule + to break
  • सहना — to tolerate, to bear, to stand
  • घोंसले बनाने देना — allow to make nests (oblique infinitive + देना)
  • X का वध m.+ करना — killing, slaying

Practice Questions:

१. तोतों और चिड़ियों के बीच क्यों तनाव था?

२. मोर की कोशिश क्यों असफल रही?

३. लड़ाई को हल करने के लिए सब पक्षी कहाँ गए?

४. सब पक्षियों ने क्या शिकायत की? 

५. चिड़ियों ने क्या किया था?

६. सब पक्षी आगे से कैसे रहेंगे?