Birbal kii khichRii

Target Level: Intermediate Range

Time: 1 X 75 min.

Objectives: Students can:

  • follow by reading and listening as well as narrate the main events of the story 
  • identify the similarities and differences in the plot between the video and the text version of the story.

Materials:

Note: A,B and C are used as either 3 stages or for 3 groups depending on the literacy levels of the learners
Activities:
A. Less advanced readers listen to segments the animated story and mark the words used from the following list (when done they organize them in categories):
 
  • बादशाह 
  • ठंडा पानी 
  • सारी रात 
  • गरीब 
  • पानी में 
  • अकेले जाना 
  • दरबार पहुंचना  
  • आसानी से 
  • बहुत मुश्किल 
  • तालाब के तट पर  
  • धोखा देना 
  • कभी न कभी 
  • घर जाने की इजाज़त 
  • रवाना है
B. More advanced learners fill in the blanks  what is used in the video (the words in red are suggested blanks for 00-2.42 )

इस साल ठण्ड बहुत ज़्यादा है/ 

जी हाँ जहाँपनाह, आजकल लोग घर से बाहर निकलने से  झिझकते हैं/ 

हाँ पर  लोगों को काम करना तो पड़ेगा ही चाहे ठण्ड हो या न हो/

वह तो है, पर जब ठण्ड बहुत बढ जाती है तो ज़्यादातर लोग घर पर ही रहना पसंद करते हैं /

यह पानी तो जैसे बर्फ बन गया हो / आप ठीक कह रहे हैं, लाला जी, इतनी ठण्ड में कौन बाहर निकलेगा?

माफी चाहता हूँ, हुज़ूर, मुझे ऐसे नहीं लगता/

बीरबल, आप को हर वक्त हमारे खिलाफ जाना ज़रूर नहीं है /

माफ़ी चाहता हूँ,  जहाँपनाह, आपकी बात नहीं काटना चाहता; मैं तो सिर्फ आपको बताना चाहता था कि ऐसे भी लोग हैं जिन्हें मुश्किलों में भी कड़ी मेहनत  करनी पड़ती है/ 

आप कहना चाहते हैं की ऐसे भी लोग हैं जो पैसों के लिए कुछ भी कर सकते हैं?

जी हाँ, हुज़ूर, मैं यही कहना चाह रहा था/

मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं, कोई भी इंसान पैसा कमाने के लिए एक हद से पार नहीं जा सकता है/  

आप सही फरमा रहे हैं, हुज़ूर, मैं भी ऐसा ही समझता हूँ/

जहाँपनाह, आपके राज्य में ऐसे भी लोग हैं  जो हालात की वजह से थोड़ा सा पैसा कमाने के लिए मुश्किल से मुश्किल काम करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं /

क्यों न तुम इस बात को साबित कर दिखाओ/ क्या तुम ऐसे आदमी को ला सकते हो जो सारी रात इस ठन्डे पानी में खड़ा रह सके?  हम उस आदमी को इनाम में दस सोने के अशर्फिया देंगे/ 

जी हाँ, हुज़ूर, इतनी कम रकम के लिए भी कोई न कोई  इस काम को करने के लिए तैयार हो ही जाएगा/

मैं इस बात को यकीन करना चाहूँ भी तो  नहीं कर सकता/ पहली बात, कोई भी इंसान यह पता चलने के बाद कि पानी कितना ठंडा है इसको स्वीकार नहीं करेगा / दूसरी बात, अगर कोई मूर्ख स्वीकार भी ले तो सुबह तक बच नहीं पाएगा /

जहाँपनाह, मुझे पूरा यकीन है कि मैं ऐसे आदमी को आज ही ढूंढ़ सकता हूँ/ 

ठीक है आप इस बात को साबित कीजिये और ऐसा आदमी ढूंढिए/ इस बात का फैसला आज ही हो जाए/ मुझे यकीन है कि इस बार आप गलत साबित हो जाएंगे/

हुज़ूर-ए-अल्लाह,  मैं आज ही ऐसे आदमी को ढूंढ़कर शाम को दरबार में पेश कर दूँगा/ (00-2.42)

Note: different groups can be provided with different excerpts of the story.

C . The most advanced learners put the cut-out sentences from the story in the right order  (the text of the story is from: https://www.bharatdarshan.co.nz/magazine/literature/603/birbal-ki-khichdi.html):

एक बार बादशाह अकबर ने घोषणा की कि जो आदमी सर्दी के मौसम में नदी के ठंडे पानी में रात भर खड़ा रहेगा, उसे भारी भरकम तोहफ़े से पुरस्कृत किया जाएगा। एक गरीब धोबी ने अपनी गरीबी दूर करने की खातिर नदी में घुटने तक डूबे रहकर पानी में ठिठुरते हुए सारी रात बिता दी। बाद में वह बादशाह के दरबार में अपना इनाम लेने पहुँचा।

बादशाह अकबर ने उससे पूछा – “तुमने कैसे सारी रात बिना सोए, खड़े-खड़े ही नदी में रात बिताई? तुम्हारे पास क्या सबूत है?”

धोबी ने उत्तर दिया – “जहाँपनाह, मैं सारी रात नदी किनारे के महल के कमरे में जल रहे चिराग को देखता रहा और इस तरह जागते हुए सारी रात नदी के ठंडे जल में गुजारी।”

“इसका मतलब यह हुआ कि तुम महल के चिराग की गरमी लेकर सारी रात पानी में खड़े रहे और इनाम चाहते हो?” “सिपाहियों इसे जेल में बन्द कर दो।” बादशाह ने क्रोधित होकर आदेश दिया।

बीरबल भी दरबार में था। उसे यह देख बुरा लगा कि बादशाह नाहक ही उस गरीब पर जुल्म कर रहे हैं। बीरबल दूसरे दिन दरबार में नहीं आए, जबकि उस दिन दरबार की एक आवश्यक बैठक थी। बादशाह ने एक खादिम को बीरबल को बुलाने भेजा। खादिम ने लौटकर जवाब दिया, “बीरबल खिचड़ी पका रहे हैं और वह खिचड़ी पकते ही उसे खाकर आएंगे।”

जब बीरबल बहुत देर बाद भी नहीं आए तो बादशाह को कुछ सन्देह हुआ। वे खुद तफतीश करने पहुँचे। बादशाह ने देखा कि एक बहुत लंबे से डंडे पर एक घड़ा बाँध कर उसे बहुत ऊँचा लटका दिया गया है और नीचे जरा सी आग जल रही है। पास में बीरबल आराम से खटिए पर लेटे हुए हैं।
बादशाह ने तमककर पूछा – “यह क्या तमाशा है? क्या ऐसी भी खिचड़ी पकती है?”

बीरबल ने कहा – “माफ करें, जहाँपनाह, जरूर पकेगी। वैसी ही पकेगी जैसी कि धोबी को महल के दीये की गरमी मिली थी।”
बादशाह को बात समझ में आ गई। उन्होंने बीरबल को गले लगाया और धोबी को रिहा करने और उसे इनाम देने का हुक्म दिया।

D. All students in new groups fill out the story chart at the end and use two colors to note the differences between story and film: