WORLD-READINESS STANDARDS FOR LEARNING LANGUAGES

Project sponsored by STARTALK@Kean University        The Standards in Urdu        ACTFL Page                           

COMMUNICATION: COMMUNICATE EFFECTIVELY IN MORE THAN ONE LANGUAGE IN ORDER TO FUNCTION IN A VARIETY OF SITUATIONS AND FOR MULTIPLE PURPOSES

  • Interpersonal Communication: Learners interact and negotiate meaning in spoken, signed, or written conversations to share information, reactions, feelings, and opinions.
  • Interpretive Communication: Learners understand, interpret, and analyze what is heard, read, or viewed on a variety of topics.
  • Presentational Communication: Learners present information, concepts, and ideas to inform, explain, persuade, and narrate on a variety of topics using appropriate media and adapting to various audiences of listeners, readers, or viewers.

संवाद/संप्रेषण: बहुत सारी स्थितियों और उद्देश्यों  के लिये भाषा का सार्थक प्रयोग ही प्रभावशाली संवाद/संप्रेषण है। 

वार्तालाप के माध्यम से संवाद/संप्रेषण – छात्र बातचीत, मौखिक या लिखित वार्तालाप के माध्यम से सूचनाओं, अपनी प्रतिक्रियाओं, अनुभूितयों और मत का आदान-प्रदान करते है। 

व्याख्यात्मक संवाद/संप्रेषण – छात्र अलग अलग विषयों पर जो देखा, सुना या पढ़ा गया है उसे समझते, गुनते-मथते और विश्लेषण करते हैं। 

प्रस्तुतिकरणरूप संवाद/संप्रेषण – छात्र विभिन्न विषयों पर सूचना, अवधारणा या विचार इस तरह प्रस्तुत करते हैं  कि सुननेवालों, देखनेवालों  और पाठकों के अनुरूप ही भाषा को अपनाकर कर सूचना, विचार या व्याख्या को उनके (श्रोताओं के) अनुकूल बनाकर पेश किया जा सके। 

CULTURES: INTERACT WITH CULTURAL COMPETENCE AND UNDERSTANDING

  • Relating Cultural Practices to Perspectives: Learners use the language to investigate, explain, and reflect on the relationship between the practices and perspectives of the cultures studied.
  • Relating Cultural Products to Perspectives: Learners use the language to investigate, explain, and reflect on the relationship between the products and perspectives of the cultures studied.

संस्कृति: सांस्कृतिक समझ और सामर्थ्य के आधार पर बातचीत करना। 

सांस्कृतिक रिवाज़ों और परिप्रेक्ष्यो का सम्बन्ध  – छात्र भाषा का इस्तेमाल सांस्कृतिक रिवाज़ों और परिप्रेक्ष्यो के बीच के सम्बन्ध की खोज, व्याख्या और  उन पर चिंतन-मनन  के लिए  करते हैं। 

सांस्कृतिक वस्तुओं और परिप्रेक्ष्यों  का सम्बन्ध – छात्र भाषा के इस्तेमाल से  सांस्कृतिक वस्तुओं और परिप्रेक्ष्यो के बीच के संबंधों पर खोज, व्याख्या और चिंतन-मनन करते हैं।

CONNECTIONS: CONNECT WITH OTHER DISCIPLINES AND ACQUIRE INFORMATION AND DIVERSE PERSPECTIVES IN ORDER TO USE THE LANGUAGE TO FUNCTION IN ACADEMIC AND CAREER-RELATED SITUATIONS

  • Making Connections: Learners build, reinforce, and expand their knowledge of other disciplines while using the language to develop critical thinking and to solve problems creatively.
  • Acquiring Information and Diverse Perspectives: Learners access and evaluate information and diverse perspectives that are available through the language and its cultures.

सम्बन्ध: विद्या और नौकरी सम्बन्धी स्थितियों  में भाषा के इस्तेमाल के लिये दूसरे विषयों से सम्बन्ध बनाना  तथा उनके बारे में सूचना और अलग तरह से देखने का नजरिया पाना।

सम्बन्ध बनाना – शिक्षार्थी भाषा के इस्तेमाल से आलोचनात्मक विचारों का विकास तथा रचनात्मक ढंग से समस्याओं का निदान करते हुए दूसरे विषयों मे ज्ञान का विस्तार करते हैं। 

सूचना व अलग अलग दृष्टिकोण प्राप्त करना – भाषा और उसकी संस्कृति के जरिये से जो सूचनाएँ व परिप्रेक्ष्य उपलब्ध होते हैं, छात्र उनकी प्राप्ति व मूल्यांकन करते हैं। 

COMPARISONS: DEVELOP INSIGHT INTO THE NATURE OF LANGUAGE AND CULTURE IN ORDER TO INTERACT WITH CULTURAL COMPETENCE

  • Language Comparisons: Learners use the language to investigate, explain, and reflect on the nature of language through comparisons of the language studied and their own.
  • Cultural Comparisons: Learners use the language to investigate, explain, and reflect on the concept of culture through comparisons of the cultures studied and their own.

तुलना: सांस्कृतिक सामर्थ्य के आधार पर बातचीत करने के लिये भाषा व उसकी संस्कृति की प्रकृति में अंतर्दृष्टि का विकास करना।

भाषा तुलना – छात्र सीखी जा रही भाषा और अपनी भाषा की तुलना के माध्यम से भाषा की प्रकृति की खोज, व्याख्या और उस पर चिंतन करते हैं।

सांस्कृतिक तुलना – छात्र भाषा के इस्तेमाल से अपनी व सीखी जानेवाली भाषा की संस्कृति की तुलना करते हुए संस्कृति की प्रकृति का मनन, खोज और व्याख्या करते हैं।

COMMUNITIES: COMMUNICATE AND INTERACT WITH CULTURAL COMPETENCE IN ORDER TO PARTICIPATE IN MULTILINGUAL COMMUNITIES AT HOME AND AROUND THE WORLD

  • School and Global Communities: Learners use the language both within and beyond the classroom to interact and collaborate in their community and the globalized world.
  • Lifelong Learning: Learners set goals and reflect on their progress in using languages for enjoyment, enrichment, and advancement.

समुदाय: घर और संसार के बहुभाषी समुदायों से सांस्कृतिक सामर्थ्य के साथ सम्प्रेषण व भाषिक आदान-प्रदान करना। 

स्कूल व वैश्विक समुदाय – छात्र कक्षा व कक्षा से बाहर भाषा का इस्तेमाल अपने समुदाय तथा वैश्विक परिवार के साथ भाषिक आदान-प्रदान व सहयोग के लिये करते हैं। 

आजीवन अध्यापन – छात्र लक्ष्य निश्चित करते है और रोजमर्रा की जिंदगी में मनोरंजन, आंतरिक संपन्नता तथा प्रगति के लिये भाषा के इस्तेमाल को लेकर अपनी उन्नति पर विचार करते हैं। 

 

 (translation project developed by prof. Susham Bedi. Thanks to our colleagues Seema Khurana, Dalpat RajpurohitRakesh Ranjan and Rajni Bhargava for their feedback)