Dear editor

आदरणीय संपादक,

मैं आपके तय हुई शादी से सम्बंधित लेख से असहमत हूँ. मैं आपको १० कारण भेज रही हू ताकि आप समझे कि मेरा ख्याल उस विषय के बारे में कैसे अलग है:

  • १. प्रेम विवाह में हमे एक दूसरे को पहले से जानने समझने का ज्यादा मौका मिलता है।
  • २. सच्चे प्रेम में हम अपने दिल की गहराई से निकली आवाज को सुनते हे जिससे हमे और ख़ुशी मिलती है।
  • ३. अक्सर तय हुई शादी दो परिवार के बीच सौदा होता है।
  • ४. अक्सर तय हुई शादी में लड़के वाले दहेज मांगते है।
  • ५. अगर हम किसी को कम समय के लिए जान्ते है तो उनके साथ जीवन बिताना बोहोत मुश्किल हो सकता है।
  • ६. कभी-कभी तय हुई शादी में लड़कियों को बोहोत मुश्किल से झेलनी पड़ती है क्यूंकि उसके घरवाले उसे अछी तरह नहीं रक्ते।
  • ७. तय हुई शादी में पूरा परिवार एक सात निर्णय लेता है, लड़का या लड़की का अनुमान महत्व नहीं है।
  • ८. तय हुई शादी करने का निर्णय सोच समजके किया जाता है मगर लड़का या लड़की की इचा माध्यमिक है।
  • ९. तय हुई शाद्दी पुराने ज़माने की सोच है। आज कल इंसान अपने जीवन साथी ढूंढ़ते है।
  • १०. लड़का और लड़की अजनबी होते है इसलिए समझौता कठिन है।
शुक्रिया,
कमला