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आयुर्वेद के अनुसार जानें, क्या, कब और कैसे खाना चाहिए
जब बात शरीर को हेल्दी रखने की आती है तो उसमें हमारी ईटिंग हैबिट्स का बहुत बड़ा हाथ होता है। ऐसे में फिट और हेल्दी रहना है तो आयुर्वेद के अनुसार जानें कि हमें क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए।
हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं, जरूरी नहीं कि वह शरीर के लिए फायदेमंद ही हो। आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय मौसम और लोगों की शारीरिक बनावट (प्रकृति) के अनुसार तय किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार क्या और कब खाना चाहिए, इसके बारे में बता रहे हैं तिब्बिया कॉलेज के डॉ. भगवान सहाय शर्मा…
न्यूट्रिशन के साथ-साथ पचाने (digestion) पर भी जोर: आयुर्वेद के अनुसार, शरीर के तीन मुख्य तत्व या प्रकृति होती है- वात, पित्त और कफ। शरीर में जब भी इन तत्वों (elements) का संतुलन (बैलेन्स) बिगड़ जाता है, व्यक्ति बीमार हो जाता है। इससे बचने के लिए ऐसा खाना खाने की सलाह दी जाती है जो जल्दी पच जाता हो और पोषक (नूट्रिशनल) तत्वों से भरपूर हो। साथ ही, नियमित रूप से संतुलित आहार लेने पर भी जोर दिया गया है।
खाने में होने चाहिए सभी 6 रस: आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)। शरीर की प्रकृति के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। इससे शरीर में पोषक तत्त्वों का असंतुलन नहीं होता।
प्रकृति ऐसा भोजन करें (रस)
- वात मीठा, खट्टा और नमकीन
- पित्त मीठा, तीखा और कसैला
- कफ कड़वा, तीखा, कसैला
(कुछ लोग मिली हुई प्रकृति के होते हैं। ऐसे लोगों को अपने भोजन के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।) https://hindi.speakingtree.in/blog/–1-502724
खाने से जुड़ी इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
- सब्जियों को पकाने में अधिक समय न लगाएं। ध्यान रखें, सब्जियां न तो ज्यादा पकी हों और न ही कच्ची
- चीनी की जगह शहद या गुड़, मैदे की जगह चोकरयुक्त आटा और दलिया खाएं।
- अदरक का एक छोटा-सा टुकड़ा (हाथ के अंगूठे के नाखून के तीसरे हिस्से के बराबर) लें और उसे तवे पर भून लें। इस टुकड़े के ठंडा होने के बाद इस पर थोड़ा-सा सेंधा नमक ल
गाएं। अब इस टुकड़े को खाना खाने से करीब पांच मिनट पहले खा लें। इससे भूख बढ़ती है और पाचन सही रहता है।
- जंक फूड में सोडियम, ट्रांसफैट और शर्करा की भरमार होती है। इसलिए इन्हें खाने से परहेज करें। मार्केट में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाकर रखें।
- खाना हमेशा ताजा और गर्म होना चाहिए। यह पाचन के लिए बेहतर होता है।
- आयुर्वेद में बताया गया है कि खाना हमेशा भूख का आधा खाना चाहिए। इससे वह आसानी से पच जाता है और शरीर में जरूरी पोषक तत्व अच्छे से घुल जाते हैं।
अमृत के समान है घूंट-घूंट पानी पीना: आयुर्वेद में घूंट-घूंट पानी पीना अमृत
के समान बताया गया है। खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी पी सकते हैं। खाने के दौरान जरूरत होने पर एक-दो घूंट पानी पी सकते हैं। खाना खाने के तुरंत पहले पानी पीने से पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। वहीं, खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से मोटापा बढ़ता है। पूरे दिन में सादा या गुनगुना पानी पीना सेहतमंद माना गया है।
इन चीजों को कभी-कभी खाएं:
- पनीर: हफ्ते में दो बार।
- स्प्राउट: हफ्ते में दो बार। स्प्राउट को भाप में उबालें और उसमें नमक और नींबू मिलाकर खा सकते हैं।
- दही: हफ्ते में दो या तीन बार ही इस्तेमाल करें। दरअसल, रोजाना दही खाने से मोटापा, जोड़ों का दर्द, डायबीटीज आदि बीमारियां हो सकती हैं। बेहतर होगा कि दही में शहद या मिश्री मिलाकर खाएं।
खाने की इन चीजों को आपस में न मिलाएं
आयुर्वेद में खाने-पीने की कुछ चीजों का कॉम्बिनेशन सही नहीं माना गया है। जैसे-
- किसी भी फल के साथ दूध का सेवन न करें। जिसे हम शेक समझकर पीते हैं, आयुर्वेद में उसे सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है।
- इसी प्रकार बहुत ज्यादा ठंडी दही के साथ गर्म परांठे न खाएं।
- दूध के साथ कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिसमें नमक मिला हो।
खाने में होने चाहिए सभी 6 रस
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (
खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)। शरीर की प्रकृति के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। इससे शरीर में पोषक तत्त्वों का असंतुलन नहीं होता।
जानें, रात के खाने में क्या खाएं, क्या नहीं
१। रात में ज्यादा भोजन करने से पेट भारी होता है, जिससे ऐसिडिटी और नींद न आने की समस्या हो जाती है। इसकी वजह से पाचन तंत्र के गड़बड़ होने की भी शिकायत सामने आती है। आयुर्वेद के अनुसार रात में हमें सिर्फ लो कार्बोहाईड्रेट वाला खाना ही खाना चाहिए, क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। रात में भा
री भोजन करने से बेचैनी और नींद न आने की आशंका बढ़ जाती है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. ए के
मिश्रा के अनुसार अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहते हैं तो रात के खाने में ये चीजें बिलकुल न खाएं…
२। रात में किसी भी कीमत पर दही का सेवन नहीं करना चाहिए। दही की जगह छाछ ले सकते हैं। दही शरीर में कफ होने की समस्या को बढ़ा सकता है, जिसके चलते नाक में बलगम के गठन की अधिकता पैदा हो सकती है।
३। अगर आपको रात में दूध पीने की आदत है, तो कम फैट वाला दूध पिएं। लेकिन सुनिश्चित करें कि कभी ठंडा दूध न पिएं, हमेशा दूध को उबाल कर पिएं। गर्म दूध और कम फैट वाला दूध पचाने में आसान होता है।
डिनर में ऐसे ही मसालों का प्रयोग करें जो सेहत के लिए अच्छे हों। ऐसा करने से शरीर में गर्माहट बढ़ेगी और भूख भी बनी रहेगी। भोजन में दालचीनी, सौंफ, मेथी और इलायची को शामिल कर सकते हैं। लेकिन रात के डिनर में बहुत ज्यादा मिर्च और मसाले वाले स्पाइसी खाने से परहेज करें।
४। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो इस चीज को गांठ बांध लें कि रात को कम खाएं और चबा चबाकर खाएं। इससे आप हेल्दी भी रहेंगे और नींद भी अच्छी आएगी। रात में हमारा पाचन तंत्र निष्क्रिय होता है, जिससे हमारे शरीर के लिए भारी भोजन पचाना मुश्किल हो जाता है। ज्यादा खाने से अपच, गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है।
रात के समय प्रोटीन से युक्त भोजन ही करें जैसे दाल, हरी सब्जियां, करी पत्ते और फल आदि। इससे आपका डाइजेशन सिस्टम काफी हल्का और हेल्दी रहता है।
आयुर्वेद के मुताबिक न करें खाने से जुड़ी ये गलतियां:
१। डायटिंग चाहे हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए की जाए या वजन कम करने के लिए, अगर इसे एक लिमिट में किया जाए तो कोई बुराई नहीं। खान-पान में आयुर्वेद के कुछ नियम फॉलो करके भी हम वजन नियंत्रित रख सकते हैं और लंबी उम्र जी सकते हैं।
२। कभी-कभी हमें इस बात का अहसास नहीं होता कि अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा चेंज करके हम लंबे वक्त तक हेल्दी रह सकते हैं। आयुर्वेद में कई जांची-परखी गाइडलाइन्स हैं जिनसे हम खाना खाने
का सही समय क्या है, सही बॉडी पॉस्चर और यहां तक कि किस चीज के साथ क्या खाना है, ये सब जान सकते हैं।
३। अगर आप भी हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं और फिट रहना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ कारगर टिप्स हैं। इनके लिए आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं…
४। गर्मियों में हम सभी को ठंडा पानी पीने का मन करता है। ऐसा करने से आपकी प्यास भी नहीं बुझती साथ ही आपके शरीर के तापमान को अचानक झटका मिलता है। इससे गैस्ट्रिक जूस का फ्लो बंद हो जाता है। आयुर्वेद के हिसाब से पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए और धीरे-धीरे पीना चाहिए ताकि शरीर के हर अंग तक पहुंच सके।
५। लोग सोचते हैं कि हेल्दी डायट लेनी है तो सबसे पहले इससे फैट हटा देना चाहिए हालांकि यह सच नहीं है। आयुर्वेद के मुताबिक शरीर को कुछ फैट्स की भी जरूरत होती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो फैट बिलकुल छोड़ने के बजाय अपने लिए सही फैट चुनें।
६। कई बार जल्दबाजी और टीवी वगैरह देखने के चक्कर में हम खड़े होकर खाना खाने लगते हैं। यह बहुत ही अनहेल्दी है। आयुर्वेद के मुताबिक खाने को आराम से मजे लेकर खाना चाहिए। जब आप खड़े होकर खाते हैं तो डाइजेशन की प्रक्रिया रुक जाती है। इसलिए खाते वक्त सही पॉश्चर होना बेहद जरूरी है, इसके अलावा पानी भी कभी खड़े होकर न पिएं।
७। सही डायट के लिए कुछ फूड कॉम्बिनेशंस हैं जिन्हें लेने से बचना चाहिए। इनसे शरीर का वात, पित्त और कफ बैलेंस बिगड़ जाता है। ऐसे ही कुछ गलत कॉम्बिनेशंस हैं- शहद के साथ घी, खरबूजे या केले के साथ दूध, अंडे के साथ फल वहीं खीरे के साथ नींबू भी नुकसान करता है।
८। आयुर्वेद में साफ-सफाई को काफी महत्व दिया गया है। खाने से पहले हाथ धोना बेहद जरूरी है। इसलिए अगर आप जल्दबाजी में सिर्फ पानी से हाथ धोकर खाने बैठ जाते हैं तो अब अच्छी तरह से हाथों को सैनिटाइज करके या हैंडवॉश से धोकर ही खाना खाएं।