Key words:
childhood, imagination, learning, hidden world
बचपन,नज़र, सीख, छुपी दुनिया।
Glossary:
- क़रीबी: ख़ास
- औपचारिक:जिसके साथ बहुत करीबी रिश्ता ना हो
- मनस्थिति: मन के उतार चढ़ाव
- व्यक्तित्व: व्यक्ति विशेष का पूर्ण चरित्र
- सांस्कृतिक:किसी संस्कृति से सम्बंधित
- ज़िम्मेदार: अपना काम अच्छे से करने वाला
- कारस्तानी: बदमाशी, शैतानी
- प्रकृति f. : पेड़, नदी, आकाश, क़ुदरत
- चिट्ठी f. : ख़त, पत्र
- तहक़ीक़ात करना: पता करना
- ख़ानदान m.: परिवार
- उद्घोषणा f. करना: सबको बताना
- यथार्थ: सच
- क्षमता f.: क़ाबिलियत
- रोज़मर्रा m.: हर दिन का काम
- समर्पित करना: किसी की याद में कुछ करना
Summary:
यह सोनू की डायरी की पहली शृंखला है जो हमें यह बताती है कि आख़िर सोनू ने डायरी लिखनी शुरू क्यों की ? इसमें बचपन की यादों, रिश्तों,एक बच्चे की कल्पना शक्ति, भाई बहनों के साथ के बंधन, सामाजिक-राजनीतिक वातावरण और उसके बुरे प्रभावों का उल्लेख किया गया है।
ये शृंखला एक बच्चे की नज़र से दुनिया को देखती है और बताती है कि कैसे एक सही समय पर दी गयी सही सलाह बच्चे को एक सकारात्मक सोच देती है।
इस शृंखला में कई विचारणीय बिंदु है जिन्हें व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर एक तुलनात्मक नज़र से देखा जा सकता है ।
This is the introductory episode of “Sonu ki diary” which tells us why Sonu started writing a diary in the first place. It is filled with childhood memories, relationships, imagination, bonding with siblings, socio political environment and its adverse effects. It reflects the world through a child’s lens and how a timely and wise advice can bring out a positive change in a kid’s behavior. There are many points to draw comparisons on an individual level as well as on society level.
Prepared by Soma Vyas