Child Labor 2 बाल मज़दूरी

Proficiency Level: Intermediate High – continuation of lesson बाल मज़दूरी

Time: 2X75 min.

Target Structures: Passive Voice and Progressive Aspects

Performance Assessment:

Interpretive Task: Students in small groups read an article (with glossary) and note down in a concept map 5 main reasons of poverty. FLLs watch a video and HLLs read another essay to find out if any new reasons emerge and add them to the concept map or choose to fill out a Venn diagram.

Interpersonal Task : Students check with their new partners which reasons they have noted down and agree on one major reason which needs to become a priority of their NGO with focus on decreasing child labor. Later they debate their priority on a TV show.

Presentational Task: Students play the role of NGO activists or government agency officials and prepare a presentation for a  round table discussion in a talk show of a TV channel; they explain their main priority and what strategies they will use to address it.

Learning Episodes:

1. Teacher encourages students to brainstorm about poverty, what it means and its reasons. Teacher provides a list of vocabulary (selected from the article they will rad on the topic), which students are asked to use as much as possible to formulate their ideas. They use a check mark to indicate what they knew or are comfortable with using and circle what they do not know and did not use.

2. Students read in jigsaw the three parts of the following article (last part for highest proficiency readers) and highlight the main points they consider important by filling out a concept map. They check-mark in the text the words from the list they see in their section.

3. In their new groups they tell each other the main points they have noted down and focus on the characteristics of and reasons for poverty; they compare the characteristics of and reasons for poverty each section outlines.

https://hindi.mapsofindia.com/my-india/india/poverty-causes-india

वर्तमान में 29.8 प्रतिशत भारतीय आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। गरीब की श्रेणी में वह लोग आते हैं जिनकी दैनिक आय शहरों में 28.65 रुपये और गांवों में 22.24 रुपये से कम है। क्या आपको लगता है कि यह राशि ऐसे देश में एक दिन के भी गुजारे के लिए काफी है जहां खाने की चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं? इससे यह साफ होता है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। सांख्यिकीय आंकड़े के अनुसार 30 रुपये प्रतिदिन कमाने वाला भी गरीब नहीं है, पर क्या वह जीवन की उन्हीं कठिनाइयों का सामना नहीं कर रहा?

भारत में गरीबी की गणना करने के लिए घरेलू खर्च को ध्यान में रखा जाता है। इसमें लोगों की भोजन खरीदने की क्षमता और अखाद्य पदार्थ खरीदने की क्षमता की गणना की जाती है। हालांकि शहरों का हाल कुछ हद तक वैसा ही है, पर ग्रामीण कल्याण कार्यक्रमों से भारत के ग्रामीण क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुआ है। इन प्रयासों से शहरों के मुकाबले गांवों की गरीबी में तेजी से कमी आई है।

सब प्रयासों के बाद भी भारत में गरीबों की कुल संख्या में इजाफा हो रहा है और यह एक बाधा बनता जा रहा है। गरीबी एक बीमारी की तरह है जिससे अन्य समस्याएं जैसे अपराध, धीमा विकास आदि जुड़े हंै। भारत में अब भी ऐसे कई लोग हैं जो सड़कों पर रहते हैं और एक समय के भोजन के लिए भी पूरा दिन भीख मांगते हैं। गरीब बच्चे स्कूल जाने में असमर्थ हैं और यदि जाते भी हैं तो एक साल में ही छोड़ भी देते हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग गंदी हालत में रहते हैं और बीमारियों का शिकार बनते हैं। इसके साथ खराब सेहत, शिक्षा की कमी और बढ़ती गरीबी का यह दुष्चक्र चलता रहता है।

भारत में गरीबी के तथ्य

भारत में गरीब की श्रेणी में कौन आता है? – शहरों में रहने वाले जनजातीय लोग, दलितों और मजदूर वर्ग, जैसे खेतिहर मजदूर और सामान्य मजदूर अब भी बहुत गरीब हैं, और भारत के सबसे गरीब वर्ग में आते हैं।
भारत में ज्यादातर गरीब लोग कहां रहते हैं?- 60 प्रतिशत गरीब बिहारझारखंडओडिशामध्य प्रदेशछत्तीसगढ़उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यों में रहते हैं। इन राज्यों के सबसे गरीब राज्य होने का कारण यह है कि 85 प्रतिशत जनजातीय आबादी यहां रहती है। इनमें से ज्यादातर क्षेत्र या तो बाढ़ प्रवृत है या फिर सूखे जैसी स्थितियों से जूझ रहे हैं। यह स्थितियां बहुत हद तक कृषि के कार्य में बाधा बनती हैं और कृषि पर ही यहां के लोगों की घरेलू आय निर्भर करती है।

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य अनुसंधान संस्थान की वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट 2012 के अनुसार भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 65वें स्थान पर है। हालांकि भारत में खाद्य उत्पादन की कोई कमी नहीं है पर फिर भी हमारे देश में पांच साल से कम उम्र के सामान्य से कम वजन के बच्चों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। भारत 2020 तक सुपरपाॅवर बनने के अथक प्रयास कर रहा है लेकिन भारत में इन गरीबों का क्या? क्योंकि देश अब भी अपना जीएचआई सुधारने में काफी पीछे है।

वर्तमान में पूरे विश्व में भारत में गरीबों की संख्या सबसे अधिक है। तीस साल पहले भारत में विश्व के गरीबों का पांचवा हिस्सा रहता था और अब यहां दुनिया के एक-तिहाई गरीब रहते हैं। इसका मतलब तीस साल पहले के मुकाबले भारत में आज ज्यादा गरीब रहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा 1.25 डाॅलर प्रतिदिन की है और इस हिसाब से सन् 2010 में भारत की 32.7 प्रतिशत आबादी इस रेखा के नीचे थी।

सन् 2011 की गरीबी विकास लक्ष्य रिपोर्ट के अनुसार सन् 2015 तक भारत में गरीबी 22 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।

भारत में गरीबी के कारण

भारत में गरीबी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या दर है। इससे निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय संसाधानों की कमी की दर बढ़ती है। इसके अलावा उच्च जनसंख्या दर से प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित होती है और प्रति व्यक्ति आय घटती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी सन् 2026 तक 1.5 बिलियन हो सकती है और भारत विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला राष्ट्र हो सकता है। भारत की आबादी जिस रफ्तार से बढ़ रही है उस रफ्तार से भारत की अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ रही। इसका नतीजा होगा नौकरियों की कमी। इतनी आबादी के लिए लगभग 20 मिलियन नई नौकरियों की जरुरत होगी। यदि नौकरियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई तो गरीबों की संख्या बढ़ती जाएगी।

बुनियादी वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतें भी गरीबी का एक प्रमुख कारण हैं। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले व्यक्ति के लिए जीवित रहना ही एक चुनौती है। भारत में गरीबी का एक अन्य कारण जाति व्यवस्था और आय के संसाधनों का असमान वितरण भी है।

इसके अलावा पूरे दिन मेहनत करने वाले अकुशल कारीगरों की आय भी बहुत कम है। असंगठित क्षेत्र की एक सबसे बड़ी समस्या है कि मालिकों को उनके मजदूरों की कम आय और खराब जीवन शैली की कोई परवाह नहीं है। उनकी चिंता सिर्फ लागत में कटौती और अधिक से अधिक लाभ कमाना है। उपलब्ध नौकरियों की संख्या के मुकाबले नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण अकुशल कारीगरों को कम पैसों में काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। सरकार को इन अकुशल कारीगरों के लिए न्यूनतम मजदूरी के मानक बनाने चाहिये। इसके साथ ही सरकार को यह भी निश्चित करना चाहिये कि इनका पालन ठीक तरह से हो। हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है इसलिए भारत से गरीबी को खत्म करना जरुरी है।

2. Students explain what they think causes poverty and incorporate new vocabulary.

(HLL’s product sample)

4. Students scan their section of the article and highlight the passive voice forms (रखा जाता है) and progressive aspect forms (चलता रहता है, बढ़ती जाएगी) in the text. Teacher explains both forms:

  • passive voice is formed with transitive verbs only. It is used when the actual semantic agent is not important or is unknown and the object is promoted to a subject position for agreement. Sometimes the object is specified with को and the agreement is masculine singular by default.  It is formed with the past participle of transitive verbs + the verb जाना in any tense or construction.
  • progressive aspect is used when the speaker has a reason to express morphologically the progressive way an action is performed. It is formed with the present participle + the verb  रहना or the verb जाना (which adds intensification of the progressiveness more and more or less and less). The lexeme लगातार is often used to emphasize the progressiveness of the action. Teacher mentions 2 exceptions for stative verbs which form the aspect with past participle – बैठा रहा and लेटा रहा. Teacher emphasizes that this aspect can be used in any tense

In groups students write 3 new sentences using each new form. Note: FLLs struggle understanding and using the progressive aspects, whereas HLLs struggle understanding and using the passive voice (they tend to use intransitive verbs instead of the passive form of transitive ones: e.g.फ़िल्में बनती  हैं vs. बनायी जाती हैं;  गिनती होती है vs. की जाती  है ).

5. Students watch the video and fill out a Venn Diagram comparing the reasons listed in the article and those in the video or add to the concept map based on the text.

6. In their new group, students play the role of NGO activists and prepare for a  round table discussion in a talk show of a TV channel. Students negotiate and choose 1 specific priority and and explain what it is, why and how it should be addressed in a written and oral format. Students need to use 10 new vocabulary items and 10 sentences with the three new forms.